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Cibil Score Kya Hota Hai: कितना होना चाहिए, बेहतर कैसे करें

नमस्कार दोस्तों हमारी वेबसाइट पर आपका एक दफा फिर से स्वागत है आज के इस लेख में है सिविल स्कोर क्या होता है, Cibil Score Kya Hota hai, सिबिल स्कोर मीनिंग इन हिंदी के बारे में विस्तार से जानने वाले हैं.

दोस्तों आज के वर्तमान समय में सिविल स्कोर बहुत ही महत्वपूर्ण हो गया है, अगर हम किसी भी बैंक से लोन करवाते हैं तो बैंक वाले सबसे पहले सिविल स्कोर ही चेक करते हैं, अगर व्यक्ति का सिबिल स्कोर सही है तभी जाकर उसका लोन अप्रूव होता है.

तो चलिए दोस्तों हम सिबिल स्कोर क्या होता है सिविल स्कोर मीनिंग इन हिंदी के बारे में विस्तार से जानते हैं.

Cibil Score Kya Hota Hai

CIBIL का फूल फॉर्म Credit Information Bureau of India Limited है. यह भारत की चार क्रेडिट ब्यूरो एजेंसियों में से एक है जो व्यक्तियों की क्रेडिट हिस्ट्री के आधार पर क्रेडिट स्कोर / CIBIL SCORE देती है. आपके लोन / क्रेडिट कार्ड भुगतान के रिकॉर्ड को क्रेडिट हिस्ट्री कहा जाता है.

यह स्कोर निर्धारित करता है कि आपको किस ब्याज दर पर और कितना लोन / क्रेडिट कार्ड किस अवधि के लिए मिल सकता है? बैंक और अन्य लोन संस्थान लोन देने से पहले सिबिल स्कोर की जाँच करते हैं, सिबिल स्कोर की जांच करने के लिए एक सिबिल रिपोर्ट तैयार की जाती है.

जिसमें व्यक्ति के क्रेडिट हिस्ट्री की पूरी जानकारी होती है. इन सभी जानकारी के लिए बैंक खाता और पैन कार्ड का मदद लिया जाता है. साफ़ शब्दों में कहें तो लोन लेने के लिए CIBIL SCORE का बहुत अच्छा होना बहुत जरूरी है, पश्चिमी देशों में वर्ष 1950 में एक क्रेडिट मॉनिटरिंग सिस्टम बनाया गया था.

इसी तर्ज पर वर्ष 2000 में भारत में भी CIBIL के नाम से एक Credit Rating Agency का शुरुआत किया गया. CIBIL देश को Financially literate बनाने में बखूबी अपना भूमिका निभा रहा है. इससे Financial Market को यथा संभव transparent बनाया जा रहा है.

जिससे Financial Institution सही तरीके से रिस्क मैनेज कर सके. CIBIL लगातार अपने database, Technology, Software को अपडेट करने के साथ फाइनेंसियल कंपनी के बीच awareness बढ़ा रही है और ख़राब लोन (जिसमें रिकवरी न हो सके) उसे रोकने का काम कर रही है,  CIBIL पूरे देश में सबसे बड़ा Credit Bureau Organization है जिसे RBI के अधीन रखा गया है.

इसे Credit Information Companies Act 2005 के तरह शुरू किया गया है. अब यहाँ बात आती है Credit Score किसका होता है और कैसे चेक किया जाता है? देश का कोई भी नागरिक अपना क्रेडिट स्कोर बहुत आसानी से ऑनलाइन चेक कर सकता है. कई कंपनी है जो क्रेडिट स्कोर चेक करने का सुविधा देती है.

Cibil Score Meaning In Hindi

CIBIL स्कोर एक तीन अंक की संख्या है। यह 300 से 900 तक होती है और किसी व्यक्ति की लोन लेने की योग्यता दर्शाती है, CIBIL का फूल फॉर्म Credit Information Bureau of India Limited है, जब भी कोई नए लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करता है.

तो लोन देने वाले संस्थान आवेदक को लोन देने के जोखिम का मूल्यांकन करने के लिए उसके क्रेडिट स्कोर की जांच करता है। एक अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाए रखना यानी जो 900 के करीब है, एक नए लोन या क्रेडिट कार्ड आवेदन की मंज़ूरी की संभावना को बढ़ाता है.

CIBIL SCORE किस पर निर्भर होता है

कई ऐसा फैक्टर है जिससे CIBIL SCORE में बदलाव होता रहता है. नीचे कुछ महत्वपूर्ण फैक्ट के बारें में बताया गया है

  • Unsecured Loans – जैसा कि इसके नाम से पता चलता है ऐसे लोन में बैंक या NBFC Companies कोई Asset गिरवी के तौर पर नहीं रखता है. ऐसा लोन आपके CIBIL SCORE को कम करता है.
  • LOAN Repayment – किसी भी लोन का repayment किस तरह से किया गया है या किस तरह से किया जा रहा है, समय पर EMI जमा नहीं करने से समस्या ज्यादा होता है.
  • Loan Applications यदि कई जगह एक साथ लोन के लिए अप्लाई किया जाता है और वो रिजेक्ट होता है तो वह भी काउंट किया जाता है, ज्यादा रिजेक्शन क्रेडिट स्कोर ख़राब कर देता है, ऐसे में कई जगह एक साथ लोन अप्लाई करने से बचे.
  • Credit Limit – कई बार ऐसा देखा गया है लोग हमेशा क्रेडिट बढ़वाना चाहते हैं. यह CIBIL SCORE को ख़राब करने के लिए काफी है.
  • CREDIT USE – Credit Score के आधार पर लोन क्रेडिट तय किया जाता है आपको कितना लोन मिल सकता है, कभी भी पूरा क्रेडिट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
  • Loan Duration – हमेशा लोन वापिस करने के लिए ज्यादा से ज्यादा समय लें, इससे EMI बहुत कम होता है और आसानी से Loan EMI जमा किया जाता है, आपके पास बजट है तो आप समय से पहले भी लोन राशि जमा कर सकते हैं. इससे क्रेडिट स्कोर अच्छा रहता है.
  • Guarantor / Co-Borrower – लोन लेना या किसी का गारंटर बनना दोनों ही क्रेडिट स्कोर के अधीन आता है, ऐसे  ऐसे में रिस्की लोन में गारंटर बनने से बचे.

CIBIL SCORE कितना होना चाहिए

सामान्य तौर यह 300 से 900 के बीच होता है और 750 से ज्यादा स्कोर को सही सिबिल स्कोर माना जाता है. यदि 300 से कम CIBIL SCORE है तो कोई भी बैंक लोन नहीं देगा। कोई भी Financial Institution लोन देने से पहले यह तय करना चाहती है आवेदक समय पर ब्याज सहित लोन राशि वापिस कर पायेगा या नहीं.

आखिर सिबिल स्कोर कितना होना चाहिए? यह एक बहुत ही अहम सवाल है, क्या कभी आपने लोन के लिए अप्लाई किया और सिबिल स्कोर की वजह से रिजेक्ट किया गया है तो कमेंट में जरूर बताएं.

  • 750 से 900 के बीच का स्कोर बेहतरीन Financial Track Record दर्शाता है, यहाँ हर तरह का लोन वो भी आपकी शर्तों पर मिल सकता है,जैसे Loan Tenure, Loan Amount, Credit Card Limit.
  • 600 से 700 के बीच लोन  क्रेडिट कार्ड तो आसानी से मिल जायेगा लेकिन, Negotiation नहीं कर सकते.
  • 450 से 600 तक लोन राशि और क्रेडिट कार्ड लिमिट बहुत कम मिलता है.
  • 450 से कम क्रेडिट स्कोर होने पर लोन मिलना पूरी तरह बैंक पर निर्भर है यदि समय पर EMI दिया जाये तो शायद सुधार हो सकता है.

CIBIL Score कैसे काम करता है

समय पर लोन और क्रेडिट कार्ड के भुगतान की रिपोर्ट बैंकों और वित्तीय संस्थाओं द्वारा मासिक आधार पर सिबिल के पास जमा किया जाता है. इस जानकारी का उपयोग कर Credit Information Report और क्रेडिट स्कोर बनाया जाता है.

किसी भी लोन की स्वीकृति के लिए CIBIL Score या Credit Score को प्रमुखता से देखा जाता है. कोई भी वित्तीय संस्थान लोन देने से पहले आवेदक का क्रेडिट स्कोर चेक करती है, यदि क्रेडिट स्कोर कम है तो कर्जदाता यानी बैंक या वित्तीय संस्था पहले इसे सही करने को बोलता है.

क्रेडिट स्कोर अच्छा (750-900) रहने पर आसानी से लोन मिल जाता है. Credit History के आधार पर CIBIL SCORE Calculate किया जाता है. यहाँ कई बातों को ध्यान में रखा जाता है. जैसे – Credit History (30%), Credit Mix & Duration (25%), Credit Exposure (25%), Credit Utilization (10%), Recent Credit Behaviour (10%).

CIBIL SCORE बेहतर कैसे करें

लोन की प्रक्रिया आसान करना चाहते हैं तो क्रेडिट स्कोर पर ध्यान देना होगा कुछ जरूरी बातों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाये तो बहुत आसानी से इसे बेहतर किया जा सकता है.

  • हमेशा समय से पहले या समय पर EMI जमा करें, देर होने पर ब्याज भी देना होता है और क्रेडिट स्कोर भी ख़राब होता है.
  • EMI समय पर जमा हो इसके लिए रिमाइंडर लगाएं.
  • Credit Mix को बनाये रखें जैसे Unsecured Loans (जिसमें कोई गारंटी नहीं होता) के साथ secured loan भी पोर्टफोलियो में शामिल करें.
  • बैंक यदि क्रेडिट लिमिट बढ़ाना चाहती है तो जरूर बढ़वाए लेकिन, जरूरत के अनुसार ही इसका इस्तेमाल करें, इससे available credit हमेशा ज्यादा रहता है जो Credit Score improve करता है.
  • सभी क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान समय पर करें.
  • Credit Card का इस्तेमाल extreme limit तक करने से बचे जितना कम इस्तेमाल करेंगें उतना ही जल्दी आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा हो जायेगा.
  • Loan Tenure (समय) ज्यादा रखें. इससे क़िस्त कम होगा जिसे आसानी से दिया जा सकता है.
  • यदि बहुत ज्यादा जरूरत नहीं हो तो एक समय में कई लोन बिलकुल भी मत लीजिये.

निस्कर्ष – CIBIL Score Kya Hota Hai

आशा करते हैं कि आपको आज का हमारा यह लेख Cibil Score Kya Hota Hai बहुत ज्यादा पसंद आया होगा और इसे पढ़कर आपको बहुत अच्छी जानकारी प्राप्त हुई होगी.

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और अगर आपको यह लेख पसंद आया होतो इसे अपने दोस्तो तक जरूर शेयर करे ताकि वह भी टाटा Cibil Score Meaning In Hindi के बारे में जान पाए, इस लेख को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार और धन्यवाद

Devender Kumar
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